छोड़ो ना ये सफेद बालों की फ़िक्र ,,,,कोई तो है... जो तुम्हारे चेहरे की तिल पर मरता है । छोड़ो ना ये बढ़ते हुए वज़न की फ़िक्र ,,,,कोई तो है .. जो सिर्फ़ तुम्हारे खूबसूरत दिल पे मरता है। छोड़ो ना ये गालों की सिलवटों की फ़िक्र ,,,,,कोई तो है... जो सिर्फ़ तुम्हारी प्यारी सी मुस्कान पे मरता है। तुम वही करो जिससे तुम्हें खुशी मिले ,,,,, कोई तो है जो सिर्फ़ तुम्हारी खुशी पर मरता है। ©Tarique Usmani #diary