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गणेश गायत्री एकदंताय विद्महे, वक्रतुंडाय धीमहि। त

गणेश गायत्री
एकदंताय विद्महे, वक्रतुंडाय धीमहि। 
तन्नो दंती प्रचोदयात्।।

©Devashree R
  प्रातः स्मरण के लिए आसान श्लोक।
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Devashree R

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प्रातः स्मरण के लिए आसान श्लोक। #समाज

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