आस्तीन खुलें रखें है सांपों के दरम्यान, यहां सब मुर्दा है बस जान लिए घूमते है। मुट्ठी भर दानो सा है शहर ये, यहां हर कोई हर किसी को जानता है, साहब वो झूठे हैं, झूठी शान लिए घूमते हैं। आग किसने लगाई, जला कौन, कुछ नहीं जानते, कुछ बकरे है सर पर आसमान लिए घूमते हैं। ईमान तो बहुत पहले ही जल गया था भूख की आग में, वो जो सच्चे है, अब झूठ का सामान लिए घूमते हैं। क़त्ल जब हुआ तो बात मन्दिर मस्जिद तक पहुंच गई, सुना है कातिल आजकल गीता कुरान लिए घूमते हैं। धुआं जब छंटेगा तभी दिखेगा असल मंजर तबाही का, फिलहाल तो सियासी मौत का फरमान लिए घूमते हैं। #mandir #masjid #society #religion #truth #hindiwriters #writersnetwork #truthwriter #lekhak #dead #hoax #inspiration