Unsplash कालेज में इको के एक सर थे.. जब वो ब्लैक बोर्ड पर पढ़ाते, तो खूब सारी कलर्ड चाक का इस्तेमाल करते!! हर स्टेप को अलग अलग इंफेसाइज करने के लिए.. बड़ी स्टाइल से बोलते थे... वो. हर रोज एक नये पैंट शर्ट ,टाई के साथ आते.. मैंने कभी उनको रिपीटेड कपड़े पहने हुए नहीं देखा था.. जो वो पहले कभी पहन कर आये हों उस जमानें में वो येज्डी मोटरसाइकिल से आते थे, गजब भौकाल था कालेज में.. छात्रों की जुबान पर उन्हीं की चर्चा रहती.. सर के कपड़े, सर का स्टाइल, सर की बाइक, सर का बोलनें का अंदाज़!! सर की भावभंगिमा!! मगर इन सबमें..जो एक बात उनमें एकदम अलग थी ..वो ये कि वो कभी स्टूडेंट्स से क्रास क्वेस्चन्स नहीं लेते थे क्लास में!! ना ही बुक से हटकर को कोई सवाल बताते थे जो पिछले वर्षों में आलरेडी में पूछा गया था अनसोल्ड पेपर में!! कुलमिलाकर कालेज उनको तबतक झेलता रहा जबतक उन्होंने संस्था के कुल 100 प्रतिशत आने वाले रिजल्ट को दस प्रतिशत से गिरा ना दिया!! ©Andy Mann #व्यंग्य अदनासा- Dr Udayver Singh