कभी सोचता हूं वो मंजिल भी क्या, जहाँ चाँद और सूरज ढल जायेगे, ना जाने कभी किसी को यहाँ , फिर उसी के खोने से मर जायेंगे, चलो फिर चले उसका दामन लिए, जहाँ प्रीत बन जाए खुशियों के लिए। -कृष्णा सोनी (एक नफ़स) ©Jzbaat❤️se #na jaane #jzbaatdilse #Nojoto #Success #Life #ReachingTop