टटोलू मैं कैसे मन ये तुम्हारा तू ही मंज़िल मेरी, तू ही किनारा । तुम बिन इस दुनियां में कोई नही हमारा अगर तुम ही रूठ जाओगे तो कैसे होगा गुजारा । टटोलू मैं कैसे मन ये तुम्हारा तू ही मंजिल मेरी, तू ही किनारा । हर रोज मिलना चाहें तुमसे दिल ये हमारा दिल की हर धड़कन पर लिखा है नाम तुम्हारा । टटोलू मैं कैसे मन ये तुम्हारा तू ही मंजिल मेरी, तू ही किनारा । ©Jonee Saini #Apne #Man #Kaise #Dil #kinara #manzil #dhadakan "अब्र" 2.0