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आंखो मे काजल लगाकर लाखों गमों को छुपाती हो आंसुओ

आंखो मे काजल लगाकर 
लाखों गमों को छुपाती हो 
आंसुओं को पीकर होठों से
 मुस्कुराती हो
तुम स्त्री हो इसीलिए खुद को 
हर पल मजबूत बताती हो
खुद को भूलकर परिवार को 
अपना बना लेती हो

©Rubi kumari Pradhan
  #Women