#Pehlealfaaz #विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस शारीरक समस्याओं को तो बताया और दिखाया जा सकता है और लोगों को समझ भी आ जाता है मदद भी करते हैं ।तुरन्त डॉक्टर की सलाह लेने की बात करते हैं । वहीं इसके विपरीत समस्या अगर मानसिक स्वास्थ्य की हो तो लोग गंभीरता पूर्वक नहीं लेते, मानसिक रूप से व्यक्ति उसी हालत में लगातार जिंदगी की जद्दोजहद में लगा रहता है और रात खामोश़ - सी बेचैनी में ,जिंदगी बसऱ कर देता है। भीड़ के बीच अकेलापन,दिल़ को खामोशी, आंखों नमी की जगह फैला शून्यमय संसार । यही दुनिया जब कोई अपना लेता है तब हम अपने उस खास शख्स को अकेला छोड़ देते हैं ,।उसकी बातों को सुनना बंद कर देते हैं ,दरअसल हम तनाव को बीमारी मानने से परहेज करते हैं । हमको अक्सर कहते सुना जा सकता है टेंशन सभी के पास है इसकी तो आदत ही ऐसी है ,हर टाइम नाटक करने की , पर ऐसा नहीं है ।हमें दोष देना बंद करना होगा और अपने उह खास शख्स की खामोशिओं को पढना होगा, बातें कर उम्मीद और आशा को जगाना होगा।हम शर्म से परे जाकर मनोरोग डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए । वरना फिर शायद देर हो जाती है जब खास शख्स आत्महत्या कर लेता है या घर छोड़कर चला जाता है । हमें मानसिक समस्याओं पर बात करनी होगी और सही वक्त पर डॉक्टर का परामर्श । #मानसिक_स्वास्थ्य_दिवस