माटी कहे कुम्हार से तू का गूँदे मोय, इक दिन ऐसा आएगा, मैं गूंदूगी तोय। बड़ऻ हुआ तो क्या हुआ, जैसे पेड़ खजूर पंछी को छाया नहीं, फल लागे अति दूर। ©Jay Jay #कबीर के दोहे#