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"प्रकृति" कितनी मनोहर है इस प्रकृति की काया, कितना

"प्रकृति"
कितनी मनोहर है इस प्रकृति की काया,
कितना भी उतारो इनका उपकार,न उतरे इनका उपकार
आओ सिखाये सब को करना प्रकृति से प्यार,
करेंगे यदि प्रकृति से प्यार,
जीवन बना देंगे ये हम सब का खुशहाल
न होगा यदि प्रकृति से प्यार,
जीवन का हो जायेगा बुरा-सा बुरा हाल
प्रकृति हमारी माता है, प्रकृति हमारे पिता 
क्योकि प्रकति से है हम न कि प्रकृति है हमसे
होगा जितना इनका तिरष्कार
जीना होता जाएगा उतना ही दुर्लभ।
Love Nature Save Life Love Nature Save life.
"प्रकृति"
कितनी मनोहर है इस प्रकृति की काया,
कितना भी उतारो इनका उपकार,न उतरे इनका उपकार
आओ सिखाये सब को करना प्रकृति से प्यार,
करेंगे यदि प्रकृति से प्यार,
जीवन बना देंगे ये हम सब का खुशहाल
न होगा यदि प्रकृति से प्यार,
जीवन का हो जायेगा बुरा-सा बुरा हाल
प्रकृति हमारी माता है, प्रकृति हमारे पिता 
क्योकि प्रकति से है हम न कि प्रकृति है हमसे
होगा जितना इनका तिरष्कार
जीना होता जाएगा उतना ही दुर्लभ।
Love Nature Save Life Love Nature Save life.

Love Nature Save life.