पी लेते हैं एक दुसरे की झूठी चाय भी, दोस्ती किसी मजहब की मोहताज नहीं होती, मौहम्मद इब्राहीम सुल्तान मिर्जा, पी लेते हैं एक दुसरे की झूठी चाय भी, दोस्ती किसी मजहब की मोहताज नहीं होती,