मन और मंज़िल जिंदगी के इस मंच में, तेरा मकसद बदला है किरदार नहीं। यकीन है मुझे तेरी हिम्मत पर, आसमान की उस बुलंदी को छूती है, नाकामयाबी वाले जमीन को नही। अपने रिश्तो के अंजाम को तूने बखूबी निभाया है। अब समझ ले तेरा नया इम्तहान आया है। ©Sanjay Manas #ManAurManzil