मै बन रही हूं मिट रही हूं , हर पल तुझ मे सिमट रही हूं... बीन तेरे मै बेजान, बस वक्त के जैसे कट रही हूं.. मै चल रही हूं रूक रही , रब के आगे तेरे लिए झुक रही हूं... तेरे प्यार की बरसात के बीन, मै बहती नदी अब सूख रही हूं... मै बन रही हूं मिट रही हूं...