मुझसे गम की वसूली करते हो, बात यह बेफि़जूली करते हो , मेरे जख्मों की दवा बन चुकी है मेरी कलम, मुफ़्त में आप क्यों आंखें नशीली करते हो? बेखबर है गर इंसान तो जगाओ उसको, बाद मरने के क्यों आंखें गीली करते हो, सुन चुका हूं मैं ओ ताने जो तुम सुनाने वाले, आया करते हैं मच्छर कुछ भिनभिनाने वाले, मेरे सब्र की जड़ें इतनी गहरी हैं, खामोश रहते हैं पत्थर जमीं हिलाने वाले, #iamwriter #mylife #jhukeganahisala #dontteachme