आइए इन सफेद कुर्ते वालों की, काली रात दिखाता हूँ, यह बिकते है गली गली, आइए इनकी औकात दिखाता हूँ, जो रियासतों के मालिक है, जो बादशाह बने फिरते है, जिनकी जेब से नोट एसे निकलते है, जैसे जमीन पे छुट्टे गिरते है, जो कह कर निकल जाते है "चाचा विधायक है हमारे", जो हाथ पढा कर कहते है, "हमारी उंगलियों पर नाचते है तारे", जिनकी गाडियां शराब पीकर, फूटपाथ पर लडखडा कर चलती है, जिनके लिए अदालते भी कहती है, "इनकी कैसे गलती है ?" जो चार पैसे देकर चार गली में, चार लोगों के आगे खुदा बने बैठे है, जिनके आगे तराजू भी झुक जाता है, जो इंसाफ को भी जुआ बना बैठे है ।। आइए इन सफेद कुर्ते वालों की, काली रात दिखाता हूँ, यह बिकते है गली गली, आइए इनकी औकात दिखाता हूँ, जो रियासतों के मालिक है, जो बादशाह बने फिरते है, जिनकी जेब से नोट एसे निकलते है,