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मै अब चुप हो जाउंगा। किसी पत्थर की तरह, शांत,कठोर

मै अब चुप हो जाउंगा।
किसी पत्थर की तरह,
शांत,कठोर और निर्जीव 
किसी फूल की तरह,
अविचल, कोमल और सजीव
निर्जीव-सजीव,कोमल-कठोर
यह चिंताजनक नहीं,चिंता ये है
मै हो रहा हूं!
भावमुक्त,पथहीन
किसी पुरानी इमारत की तरह
संवरने की आश में ढह जाऊंगा
जो भी हो!
मै अब चुप हो जाऊंगा।
               #अभिषेक यादव
मै अब चुप हो जाउंगा।
किसी पत्थर की तरह,
शांत,कठोर और निर्जीव 
किसी फूल की तरह,
अविचल, कोमल और सजीव
निर्जीव-सजीव,कोमल-कठोर
यह चिंताजनक नहीं,चिंता ये है
मै हो रहा हूं!
भावमुक्त,पथहीन
किसी पुरानी इमारत की तरह
संवरने की आश में ढह जाऊंगा
जो भी हो!
मै अब चुप हो जाऊंगा।
               #अभिषेक यादव