बहुत दूर तक सफ़र है सभी को ये खबर है एक डगर वही जिंदगी सब कुछ न आखिर तक मिलेगी जड़ चेतन तक किस किस से कहूंगी अंत तक सिर्फ मै ही रहूंगी जानती हूं मै हवा है सब कुछ पल को दवा है सब निकेतन किसका सवाल किस किस से करूंगी आखिर तक बस मै ही रहूंगी न लाठी न रंगत न संगत न काठी आदि अंत तक हर रोज़ जिऊंगी आखिर तक बस मै ही रहूंगी उड़ जायेंगे बादल सुख जाएगा ये जल नदी से समुंदर तक कब तक मिलूंगी कौन कहता है आखिर तक मिलूंगी आखिर तक बस मै ही रहूंगी। ©rashmi98 #nojotohindipoetry #NojotoEnglishPoetry #nojotopoetry #Englishpoetry #SeptemberCreator #kavitawriting #kavishala #hindi_poetry