तेरे श़हर की श़राब का नश़ा अच्छा था गै़र से छुपती तेरी नज़रौ का हिसाब़ सच्चा था बाकीं सबकुछ झूठ था, हमारे रिश्तें में. और क्या कहा, प्यार था हमसें अजीं छोड़िए, मज्जाक अच्छा था... ©Jonny 🖤