भावनाएं उष्णता से पिघल रही हैं... शब्द उनको संभाल नहीं पा रहे आंसू इतने तप्त हो चुके हैं की वाष्पीकृत हो गये, बचा है तो शुष्क प्रेम का नैसर्गिक सौंदर्य जो अब किसी और धरातल पर बोया न जा सकेगा.. भले ही कितने सावन आ आयें या जितनी भी उपजाऊ मिट्टी मिल जाये, प्रेम का पुष्प अब खिलेगा ही नहीं... #NojotoQuote प्रेम के आखर #आंसू #प्रेम #पुष्प #सावन