उसने अलविदा कभी कहा नहीं इंतज़ार करना भी लाज़मी हुआ तेरे बिना दिल फिर कहीं लगा नहीं मानो वक्त भी वहीं पे ठहर गया मिले तुम तो ऐसा लगा जैसे डोर ज़िदगी से फिर जुड़ गई दिल का शजर फिर गुलज़ार हुआ जब शहर से तेरे चली हवा... Challenge-145 #collabwithकोराकाग़ज़ 49 शब्दों में अपनी रचना लिखिए :) (शजर का अर्थ पेड़, वृक्ष, tree) #मेरेदिलकाशजर #कोराकाग़ज़ #yqdidi #yqbaba #YourQuoteAndMine Collaborating with कोरा काग़ज़ ™️