मोमबत्तियां बुझ गयी चिराग तले अँधेरा छाया था फांसी के फंदे पर जब तीनों वीरों को झुलाया था सुखदेव,भगत सिंह,राजगुरु के मन को कुछ और न भाया था हँसते हँसते देश की खातिर फांसी को गले लगाया था। ©ASLAM #²³march¹931#bhaghatsinghrajguru@hindkelal *हंसते हंसते फांसी को गले लगाया* मोमबत्तियां बुझ गयी