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                एक और दामिनी कब तक वो अपने आंसुओं

                एक और दामिनी

कब तक वो अपने आंसुओं में घुटती रहेगी,
आखिर कब तक हर दिन एक दामिनी की इज्ज़त लुटती रहेगी...?
कब तक वो ज़ालिम दुनिया का ज़ुल्म सहती रहेगी ,
मैं निर्दोष हूं मुझे छोड़ दो, कब तक वो सबसे कहती रहेगी...?
कब तक वो समाज की गंदगी से अकेले ही निपटती रहेगी,
जब कोई नहीं अपनायेगा उसे तब कहां दर बदर भटकती रहेगी...?
कब तक उसके ऊपर आरोपों को थोपा जायेगा ,
जो जीवन अब उजड़ गए उनको कब रोपा जायेगा...?


कब वो नजरें उठाकर सड़कों पर चल पायेगी,
कब वो हिम्मत जुटाकर आगे निकल पायेगी,
जब उसे हमारी आंखों में हवस नहीं प्यार दिखाई देगा
तब ही वो अपने जीवन को सफल पायेगी...


ऐसे कैसे हमारा हिन्दुस्तान साफ़ होगा,
जब एक ही पक्ष में इंसाफ़ होगा,
जिसका दामन लुटा वो उम्रकैद की ज़िंदगी जी रही है
और वो मनचला एक दो साल की सज़ा के बाद भी माफ़ होगा...?


ये बस एक दामन नहीं , उसके आन-बान और शान का प्रतीक है,
इसको अपना तिरंगा ही समझो यारों, ये उसके सम्मान का प्रतीक है...

                          #nojotolucknow
                एक और दामिनी

कब तक वो अपने आंसुओं में घुटती रहेगी,
आखिर कब तक हर दिन एक दामिनी की इज्ज़त लुटती रहेगी...?
कब तक वो ज़ालिम दुनिया का ज़ुल्म सहती रहेगी ,
मैं निर्दोष हूं मुझे छोड़ दो, कब तक वो सबसे कहती रहेगी...?
कब तक वो समाज की गंदगी से अकेले ही निपटती रहेगी,
जब कोई नहीं अपनायेगा उसे तब कहां दर बदर भटकती रहेगी...?
कब तक उसके ऊपर आरोपों को थोपा जायेगा ,
जो जीवन अब उजड़ गए उनको कब रोपा जायेगा...?


कब वो नजरें उठाकर सड़कों पर चल पायेगी,
कब वो हिम्मत जुटाकर आगे निकल पायेगी,
जब उसे हमारी आंखों में हवस नहीं प्यार दिखाई देगा
तब ही वो अपने जीवन को सफल पायेगी...


ऐसे कैसे हमारा हिन्दुस्तान साफ़ होगा,
जब एक ही पक्ष में इंसाफ़ होगा,
जिसका दामन लुटा वो उम्रकैद की ज़िंदगी जी रही है
और वो मनचला एक दो साल की सज़ा के बाद भी माफ़ होगा...?


ये बस एक दामन नहीं , उसके आन-बान और शान का प्रतीक है,
इसको अपना तिरंगा ही समझो यारों, ये उसके सम्मान का प्रतीक है...

                          #nojotolucknow