शेष नही अवशेष रहुगा मे इस सुष्टि मै अमर रहुगा !! हर एक अल्फाज़ मे जिदां रहुगा कागज के पन्नों पर बरकरार रहुगा !! पढ़ोगे तुम मुझे या देखो गे कभी कल भी मै और आज भी मै बस पहले जैसा "निलेश" रहुगा !! बस चाहत मेरी अधुरी रहेगी महसूस मै तुम्हे हर पल रहुगा !! तुम रहना महफूज इस जहा में अब मै मुझसे दुर रहुगा!! तुम मुझसे दुर रहकर भी बस सदा मेरे पास रहना!! मैं लिखु कविता कभी तेरा ही सार लिखुगा !! मीरा के तरह बावरा होकर मै जिवन का विष लिखुगा!! मै गुलजार की कलम से शायरो की शायरी लिखुगा !! हिंदी कि पावन भूमि पर मै तुम्हे श्रुंगार लिखुगा!! प्रेम असफल है हमारा उसमें सदाचार का भाव लिखुगा! ! में कवी का भाव बन कर मै सदा तुम्हे कविता लिखुगा! ! ©Nilesh borse #Fire #yrdidi #yrqthindi #brockenheart #jidagi✍🥰 #alone