My Bicycle हमे भी आज अपने पुराने दिन याद आगाये हमे साइकल चलाना बहुत पसंद था एक दिन हम अपने अब्बू से बोले अब्बूजी हमे साइकल दिलादो हमारी दोस्त के अब्बू ने भी दिलाई उसको अब्बू बोले पहले चलाना तो सिखले कभी गिरती फिरे बहुत बार हमे यही जवाब मिलता फिर हम बहुत टाइम बाद फिर अब्बू से बोले अब्बू अब तो में सिख गई चलाना आज मेरी सहेली ने चलवाई है मुझसे अब्बू बोले अच्छा तोड़ी तो न उसकी साइकल उस दिन हमारी बहन को देखने रिश्ते वाले आराहे थे अम्मी बोली जा सना अपनी खाला को बुला ला जल्दी से तो अब्बू बोले जल्दी आना हमारे अब्बू की जो साइकल थी वो हमे बहुत पसंद thi पर अब्बू चलाने नही देते थे उस दिन अब्बू बोले जा मेरी साइकल लेजा जल्दी आना अगर जल्दी आई साइकल से तुझे साइकल दिलाउगा नई में खुश होगई पर उदास bhi हुई अब्बू से मेने झूठ बोला था की में सिख गई हु साइकल लेने के लिए पर socha आज में साइकल से खाला के चली गई तो नई सायकल मिलेगी फिर में साइकल से गई लेकिन रास्ते में दो तीन बार गिरी फिर पैदल गई पैदल आई साइकल pedal hi खींचकर लाई और अब्बू खुश हुए की अब साइकल diladunga tu सिख गई pr में ऐसे ही बिना चलाए लाई थी इस तरह मुझे pehli बार साइकल चलाने का मोका मिला पर अब्बू ने apni साइकल का हेंडल देखकर बोले बस सिखली तूने साइकल बहुत सुनाई स्टोरी pasnd आई to रिपोस्ट कर सकते हो ©sana naaz #meriपहली#साइकल# #WorldBicycleDay2021