हर पिता को समर्पित ________________ वो दिल से बड़ा नाजुक, मगर जुबाँ से बड़ा ही सख्त था। जिसकी छाया तले मेरा जीवन गुजरा, हाँ वो एक मजबूत दरख्त था। पिता कहो या जन्मदाता कहो, मेरी रगों में बह रहा उसका रक्त था। आज वो असहाय सा क्यों..? जो सदैव मेरे साथ वक्त, बेवक्त था। ©Diwan G #माहर_हिंदीशायर #पिता #वक्त #दरख्त #oldage