इस फर्ज़ी जहां में क्या रक्खा है, झूठी पहचान में क्या रक्खा है.? मुद्दा इज़हार है, तो कहो मुहब्बत है, अंग्रेजी जुबान में क्या रक्खा है.? है मुहब्बत तो रख यकीं भी, पल पल के इम्तेहान में क्या रक्खा है.? तेरी दीद की प्यास खींच लाती है चौक तक वरना उस चाय की दुकान में क्या रक्खा है.? तेरे होने से ही मेरा घर घर है, वरना ईंट पत्थर के मकान में क्या रक्खा है.? तेरी मुहब्बत ना दोस्त थोड़ी अंधी है, वरना ऐसा इस इंसान में क्या रक्खा है.? #kps #diary #yqdidi #yqbaba #restzone #love #life #onequotedaily