शाम और हम कभी साथ बैठा करते थे अपने गाँव में पिपल के छाँव में अब तो इस बनावटी शहर में पता ही नहीं चलता कब सुबह हुई कब शाम विशाल देवगन बरहज़िया@✍ ©Vishal Devgan barhajiya #vishaldevganbarhajiya #Support #supporterslove_quotelovers #lunar