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चुन लेना चाहिए अच्छे और बुरे में, बुरे को कभी-कभी

चुन लेना चाहिए अच्छे और बुरे में, 
बुरे को कभी-कभी..
(full in caption) मैं चुन लेती हूँ 
अच्छे और बुरे में, बुरा..
ग़लत और बहुत ग़लत में उसको 
जो ज़्यादा ग़लत है
कुछ सीखें ताउम्र चिपकी रहती हैं
उंगलियों में नाख़ून जैसे
काटकर फिर से उग आने वाली!
किसी रोज़ माँ ने सिखाया था
चुन लेना चाहिए अच्छे और बुरे में, 
बुरे को कभी-कभी..
(full in caption) मैं चुन लेती हूँ 
अच्छे और बुरे में, बुरा..
ग़लत और बहुत ग़लत में उसको 
जो ज़्यादा ग़लत है
कुछ सीखें ताउम्र चिपकी रहती हैं
उंगलियों में नाख़ून जैसे
काटकर फिर से उग आने वाली!
किसी रोज़ माँ ने सिखाया था