तेरे नाम से सजने संवरने का मन करता है। तेरे नाम से सारे व्रत करने का मन करता है। वह लम्हा जाने कब आएगा मेरी ज़िंदगी में! तेरे नाम से ही सिंदूरी होने का मन करता है। मन करता है कि मेरी ज़िन्दगी का हर लम्हा प्रति-पल और प्रति-क्षण मैं लिख दूँ नाम तेरे। वो रात का पहर बस हम दोनों का हो वो साथ की सहर बस हम दोनों की हो चाय से लेकर रात के खाने तक सब मैं चुनूँ तेरे लिए अपने हाथों से स्वेटर भी मैं ही बुनूँ धूप में तेरा छाता होने का मन करता है। भूँख में तेरा आटा होने का मन करता है। तेरे नाम के आगे अपना नाम लिख दूँ। मेरे नाम के पीछे तेरा सरनेम हाँ सरनेम लिखने का मन करता है। तेरे नाम से सजने संवरने का मन करता है। तेरे नाम से सारे व्रत करने का मन करता है। वह लम्हा जाने कब आएगा मेरी ज़िंदगी में! तेरे नाम से ही सिंदूरी होने का मन करता है। मन करता है कि मेरी ज़िन्दगी का हर लम्हा प्रति-पल और प्रति-क्षण मैं लिख दूँ नाम तेरे।