मान ली हार ईस क़िस्मत से, नहीं है क़िस्मत में एक पल की भी ख़ुशी, सोच लिया आज हमने भी, छोड़ देंगे अब खुश रहना जब क़िस्मत को मन्नजुर ही नहीं..!! ख़ुशी