Nojoto: Largest Storytelling Platform

मुन्तजिर हों जब आँखें, हर घड़ी ज़ियारत को ।

मुन्तजिर  हों जब  आँखें,  हर  घड़ी  ज़ियारत  को ।
कैसे,,  दिल  भुला  देगा , अब  तुम्हारी  चाहत  को ।।

अपनी ही ख़ुशी में तुम, दूर कर लिये  ख़ुद  को ।
आज  भी  मैं   रोता  हूँ ,  बस  उसी  मुहब्बत  को ।।

सांसें ,, तेरे  वादों  की , ज़िक्र  में  हैं सरगर्दाँ ।
भूल  बैठे  हो  शायद , तुम  ही मेरी  उल्फ़त  को ।।

कल  ख़ोदा  को  मह़शर में,  कैसे मुहँ  दिखायें  गे ।
बाँटने  के  क़ायल  हैं,  जो  दिलों  की  क़ुर्बत  को ।।

रंज  क्यूँ  नजूमी से , शिकवा  क्या लकीरों  का ।
क्यूँ  मैं  रोऊँ  क़िस्मत  को, या तिरी ह़िमाक़त को ।।

तेरा ,,  शुक्र  है  यारब , तेरी मेहरबानी  है ।
भूल  जाऊँ  मैं  कैसे ,  तेरी  इस  इनायत  को ।।

"सानी" दर्द-वो-ग़म  मीठे, लगते  हैं  मुह़ब्बत  के ।
वक़्फ़  ज़िन्दगी  करदी , इक  तिरी  इबादत  को ।।
(Md. Shaukat Ali "saani") follow me friend...
मुन्तजिर  हों जब  आँखें,  हर  घड़ी  ज़ियारत  को ।
कैसे,,  दिल  भुला  देगा , अब  तुम्हारी  चाहत  को ।।

अपनी ही ख़ुशी में तुम, दूर कर लिये  ख़ुद  को ।
आज  भी  मैं   रोता  हूँ ,  बस  उसी  मुहब्बत  को ।।

सांसें ,, तेरे  वादों  की , ज़िक्र  में  हैं सरगर्दाँ ।
भूल  बैठे  हो  शायद , तुम  ही मेरी  उल्फ़त  को ।।

कल  ख़ोदा  को  मह़शर में,  कैसे मुहँ  दिखायें  गे ।
बाँटने  के  क़ायल  हैं,  जो  दिलों  की  क़ुर्बत  को ।।

रंज  क्यूँ  नजूमी से , शिकवा  क्या लकीरों  का ।
क्यूँ  मैं  रोऊँ  क़िस्मत  को, या तिरी ह़िमाक़त को ।।

तेरा ,,  शुक्र  है  यारब , तेरी मेहरबानी  है ।
भूल  जाऊँ  मैं  कैसे ,  तेरी  इस  इनायत  को ।।

"सानी" दर्द-वो-ग़म  मीठे, लगते  हैं  मुह़ब्बत  के ।
वक़्फ़  ज़िन्दगी  करदी , इक  तिरी  इबादत  को ।।
(Md. Shaukat Ali "saani") follow me friend...
treasureofhumani5355

Saani

Bronze Star
New Creator
streak icon9