ये अन्धेरा खत्म क्यो नही होता गर्दिशो में घिरा मैं अजा़द क्यो नही होता | बोहोत सी सुबहा बीत गई । मेरी ज़िन्दगी मे उजाला क्यो नही होता। एक उम्र भर से चलता जा रहा हुँ सफर -ऐ-मुकाम क्यो नही होता । बोहोत सी सुबहा बीत गई । मेरी ज़िन्दगी मे उजाला क्यो नही होता। थक गया हुँ मगर चलता जाऊंगा अगर ये ज़िन्दगी की आग है तो मैं डूब कर इसमे एक दिन हीरा बन जाऊंगा । ©rosy #ज़िन्दगी #मुकाम_ए_ज़िन्दगी #सफर #SunSet रोहित तिवारी । सुुमन कवयित्री Møhd Jãíd kavita ranjan