उठो द्रोपती बस्त्र सम्भालो अब गोविंद नही आएंगे छोड़ो मेहदी सस्त्र सम्भालो खुद ही अपना चीर बचालो धुत बिछाए बैठे है शकुनि मस्तक सब बिक जाएंगे उठो द्रोपती बस्त्र सम्भालो अब गोविंद नही आएंगे। ..................... . .. . . .👍 नारी शक्ति