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पल्लव की डायरी रिश्तों में जरा नमी आने दो यादों की

पल्लव की डायरी
रिश्तों में जरा नमी आने दो
यादों की जरा वर्फ़ जमाने दो
धड़कनो में बहुत धुँआ उठा है
प्रेम की मजबूत परते जमाने दो
नया नया सफर है मिलन को
यादगार बनाने दो
                           प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"
  प्रेम की मजबूत परत जमाने दो

प्रेम की मजबूत परत जमाने दो #कविता

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