आंसू............यू ही नहीं आते आंसू पूछो इन आंसुओ की कीमत लगाए मोल सही हर कोई इनका कहां मेरी ऐसी किस्मत टूटा जब सब्र का बांध छूटा हौसला , गई हिम्मत तभी हुई इन आसुओं की रहमत होगा फैसला जब आएगी एक दिन क़यामत बस तब तक हो ना जाए आसुओं की किल्लत लिख रहा सो आज खुदा को खुला खत ये शख्सियत क्या आसू ही है मेरी मिलकियत (संपत्ति) ये आसू हो जाए मोती अगर जो कर दे खुदा तू थोडी बरकत निकाल कर थोड़ी सी फुरसत कर मेरे यहां भी शिरकत या दे दे मुझे जिन्दगी से मोहलत अब तो ये आसू भी गैरत यू ही नहीं आते आंसू पूछो इन आंसुओ की कीमत...! आंसू की कीमत