तुम्हीं ने सीमित कर दिया, अपने परों को, अपनी उड़ान को, अपनी क्षमता को., और अंततः स्वयं को भी.. वरना आसमान तो अनंत था, है और रहेगा अंत तक.. ©Balram Bathra #अनंत