ये तेरा वहम है कि तेरे शहर का हर किरदार अच्छा है, जिस्म की भूखे भेड़ियों का ये बाजार अच्छा है।। कि बेशक रख अपने चेहरे पर ये रंगत गुलाब की, मगर तेरे दुपट्टे में हो तलवार तो ये ख़्याल अच्छा है।। हवस की भूख मिटा कर वो सरेआम घूमता रहा, कि समाज के ठेकेदारों की नजर में वो अब भी एक बच्चा है।। उसके जिस्म पर जख्म के निशान बहुत गहरे थे, मैं सहम गया जब एक शख्स ने उसके जख्मों को दागदार धब्बा कहा।। उसके दर्द उसकी चीखों समाज की गन्दी गालियों से वो मर चुकी थी पहले ही, उसकी चिता जली अंधेरी रात में तो एक शख्स ने कहा अच्छा हुआ।। ये तेरा वहम है कि तेरे शहर का हर किरदार अच्छा है, जिस्म के भूखे भेड़ियों का ये बाजार अच्छा है।। 🔥🔥🔥🥺🥺🥺🙏🙏🙏🙏🙏 आखिर कब तक🍁 #गन्दी_राजनीति #गन्दीसोच #yqdidi #aestheticthoughts #कबतक #sad