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खुली आसमान का परिंदा बन जाना है हर बूंद में समेट

खुली आसमान का परिंदा बन जाना है 
हर बूंद में समेट जाना है ....

पानी के हर कतरे की तरह 
ज़िन्दगी के जज्बे को झू कर ....
हर मुकाम हासिल कर जाना है । Arvind Kumar Sangya Venu Priyanka Gupta Pramod Kumar
खुली आसमान का परिंदा बन जाना है 
हर बूंद में समेट जाना है ....

पानी के हर कतरे की तरह 
ज़िन्दगी के जज्बे को झू कर ....
हर मुकाम हासिल कर जाना है । Arvind Kumar Sangya Venu Priyanka Gupta Pramod Kumar