मेरी खुशकिस्मती कि दास्तने सुन शहर दस्तावेजो का एक आशियाना बना रखा है दफन नही हुआ हूँ मै अभी दफन नही हुआ हूँ मै अभी सैलाब का पूरा कांरवा रखा है । मेरी हस्ती मिटती देख मेरी हस्ती मिटती देख आईने भी बदल डाले है इस शहर ने इत्मीनान रखो दोस्तों मेरी मजबूरी ने मुझे इंसान बना रखा है ! गुबार..