अपनी तकलीफ को बयां करूँ भी तो कैसे करूँ तुझे अपना कहूँ भी तो कैसे अपने कदमों को उसके करीब जाने से रोकूँ भी तो कैसे रोकूँ अब तू ही बता मेरे मौला... मैं ये सब कैसे करूँ...?? सबसे अजीज ही तो वही है जो आज रुक्सत हो बैठा है किसी ओर की तलब में मुझे खो बैठा है अपनी अहमियत वो किसी और को दे बैठा है मुझसे झूठ बोलकर उसे अपना बैठा है उससे इन बातों का जवाब लूँ भी तो कैसे अब तू ही बता मौला... मैं ये सब करूँ तो कैसे?? सिलसिले ये इश्क़ मोहब्बत के हमारे खत्म हो कर चंद पन्नों में खो चुके हैं सवालों से घिरे मेरे अंदर खो चुके हैं उन सवालों के जवाब लूँ भी तो कैसे मैं उससे दूर रहूँ भी तो कैसे अब तू ही बता मौला.. मैं ये सब करूँ तो कैसे..?? उससे रूबरू होने से भी डर लगता है होश गवा कर अपने कहीं उसे अपना न समझ बैठूँ दो पल में कहीं खो ना जाऊं उसमें और उसे गले से ना लगा लूँ उसकी ओर बढ़ते मेरे प्यार भरे कदमों को रोकूँ भी तो कैसे अब तू ही बता मौला... मैं ये सब करूँ तो कैसे..??? ©Priya Singh #Tu#hi#bata#maula#main#kaise#karun