किसी गैर से नहीं,ये दिल मेरा आज खुद ही हारा है, जख्मों से कोई शिकायत नहीं अब, मुझे तो मरहम ने ही मारा है...! किसी गैर से नहीं,ये दिल मेरा आज खुद ही हारा है, जख्मों से कोई शिकायत नहीं अब, मुझे तो मरहम ने ही मारा है...!