नयन कमल नील, नभ नीलवर्ण देखि नवल विमल प्रीत, हृदय उपजात है, केश कुंज केलि करें, कुंतल कपोल छेड़ि पवन प्रहार मृदु, अमोल अभिजात है| ©Shubhendra Jaiswal #शुभाक्षरी #घनाक्षरी_छंद