सामाजिक जिम्मेदारी जिस तरह घर परिवार का ध्यान रखते हैं हम, समाज को भी वैसा सोचे हम! कोई और केसे करेगा सब, जब खुद ही गैर जिम्मेदार हैं अब ।।— % & लेखन संगी लोग बेपरवाह हो गए हैं -------------------------- "समाज में आज कल लोगों की तस्वीर बदल गई है, गली नुक्कड़ में थूकना उनकी आदत हो गई है, जहाँ मना है, वही हाँ करना शिद्दत सी हो गई है, क्यूँ कि... लोग बेपरवाह हो गए हैं।"