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तो आज कलम है... और उसकी स्याही में जिंदगी स्याही क

तो आज कलम है... और उसकी स्याही में जिंदगी
स्याही के स्याह से हर बार किस्सों को यूँ बेरंग कागजों पे उतारता में... आज थमना चाहता हूं।
उनजान दागों में अपनी पहचान ढूंढने से भागना चाहता हूँ 
तो कलम,इस बार लिखने चली हें हवा का बहाव, नदी का ठहराव, फूलों में खीलाव , और भवरों का स्वाभाव।
लिखने को तो, चांद की सलामी,तारों की चमक, सूरज का ढलाव, या बादलों की अंगड़ाई को जोड़ ; बेवक़्त बूँदा-बांदी में इन दागों को धूला भी दें।
पर युगों के अंत में, या समय के अनंत स्पर्धा में रूक, जब पीछे देखें तो दाग़ किसी पश्चाताप के आड़ में धुल तो गए होंगे पर, यादें.... वो अनंत काल तक चुभती रहेंगी ।
 Dawn To Dusk
Chasing the Musk
तो आज कलम है... और उसकी स्याही में जिंदगी
स्याही के स्याह से हर बार किस्सों को यूँ बेरंग कागजों पे उतारता में... आज थमना चाहता हूं।
उनजान दागों में अपनी पहचान ढूंढने से भागना चाहता हूँ 
तो कलम,इस बार लिखने चली हें हवा का बहाव, नदी का ठहराव, फूलों में खीलाव , और भवरों का स्वाभाव।
लिखने को तो, चांद की सलामी,तारों की चमक, सूरज का ढलाव, या बादलों की अंगड़ाई को जोड़ ; बेवक़्त बूँदा-बांदी में इन दागों को धूला भी दें।
पर युगों के अंत में, या समय के अनंत स्पर्धा में रूक, जब पीछे देखें तो दाग़ किसी पश्चाताप के आड़ में धुल तो गए होंगे पर, यादें.... वो अनंत काल तक चुभती रहेंगी ।
 Dawn To Dusk
Chasing the Musk
rakeshkumar6664

Rakesh Kumar

New Creator

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