आ जाओ कान्हा तेरा इतज़ार आज भी हैं। गोपियों को तुमसे प्यार आज भी है। किसी नजर को तेरा इतज़ार आज भी है। ओ गलियां ओ बहारे बेजान आज भी है। आ जाओ ओ मोहन तेरा इतज़ार आज भी है। तेरे आने की उम्मीद में जिंदा ये वृंदावन आज भी है। आ जाओ ओ मोहन