कर रहा था इबादत, मानकर जिन्हें खुदा। वो मसीहा मेरे दिल को, और जख्म दे गया। ©Bishwajeet Kumar 2020 की मेरी अंतिम शायरी। किस के लिए है वह ना पूछे😞 केवल पढ़े और आनंद ले। कर रहा था इबादत, मानकर जिन्हें खुदा। वो मसीहा मेरे दिल को, और जख्म दे गया। विश्वजीत कुमार.