ये जो खुली किताब के पन्ने हैं साज़िश का हिस्सा लगते हैं ये जो मेरे अपने नहीं फिर भी अपने ही लगते हैं ये जो भी हो अपनों का किस्सा लगते हैं ये जो भी हो हर शाम चाँद और हर सुबह सवेरा लगते हैं। #twilight #Book #bookworm #Poetry #thought #Time