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आज फिर नींद को आँखों से बिछड़ते देखा आज फिर नींद को

आज फिर नींद को आँखों से बिछड़ते देखा आज फिर नींद को आंखों से बिछड़ते देखा
हमने चांद को बदलो में फिर छिपते देखा
 होती रही मुलाकात उस शख़्स से ख्वाबों में
जिसे हकीकत में खुद से बिछड़ता देखा।

©ALOK SONI #Nind_ko_ankhon_se
आज फिर नींद को आँखों से बिछड़ते देखा आज फिर नींद को आंखों से बिछड़ते देखा
हमने चांद को बदलो में फिर छिपते देखा
 होती रही मुलाकात उस शख़्स से ख्वाबों में
जिसे हकीकत में खुद से बिछड़ता देखा।

©ALOK SONI #Nind_ko_ankhon_se
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