a-person-standing-on-a-beach-at-sunset माना कि मैं नारी हूं पर खुश रहने का मुझे भी हक़ है परिवार के शेड्यूल से हमेशा सोती और जागती हूं तो कभी अपने हिसाब से जीती सोने और जागने का मुझे भी हक है सुबह से शाम सबकी सेवा व बच्चों के खुशियों का ख्याल उनके सभी उन जरूरतों को पूरा करती हूं तो कभी कभी अपनी जरूरतों को भी पूरा करने का मुझे भी हक है उन सबकी छोटी छोटी खुशियों का भी ख्याल रखती ना किसी को मैं दुःख पहुंचाती तो कभी अपनी खुशियों का भी उनका ख्याल रखने का मुझे भी हक है लोग मेरे बारे मे क्या कहेंगे , क्या सोचेंगे अपनी जिंदगी को मैंने इसी डर में गुजार दी तो कभी अपनी जिंदगी को अपनो के लिए जीने का मुझे भी हक है ©बेजुबान शायर shivkumar #मुझेभीजीनेकाहकहै #हक #बेजुबानशायर #कविता #कविता95 #nojoto #बेजुबानशायर143 Extraterrestrial life