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Dedicating a #testimonial to Shilp
















 Dedicating a #testimonial to Shilpi Sood
Shilpi...
*मैं हूं ना*
माता पिता से मिले संस्कार, आदर्श और मूल्य के बीज जो बचपन में रोपित किए जाते हैं, उनका जीवन में उजागर होना और उन सबको आगे ले कर चलना....संतान का कर्तव्य है। ये माता पिता का ऋण है हम पर...जिसे चुकाने का दायित्व है हमारा।
आप ने बहुत कुछ कहा अपने पिता जी को पत्र में, स्वाभाविक है आंखें छलकी होंगी, भावनाओं का ज्वार भी उमड़ा होगा। उनके मूल्यों से सिंचित हो कर आप अपने चिकित्सा में अवश्य कुछ स्नेह गूंथती होंगी जिसका मुझे पूर्ण विश्वास है।
मैं एक बहुत साधारण सा *उसका* माध्यम हूं, * वो* जिसे कुछ देना चाहते मुझे ये सौभाग्य देते हैं कि में कुछ कर सकूं।
* मैं हूं ना* ये साधारण वाक्य नहीं है, आस्था विश्वास का संबल है, कभी कभी तो डूबते कोटिंके का सहारा वाली कहावत्पे खरा उतरता है
मैं तमाशाई नहीं हूं साहिल का,















 Dedicating a #testimonial to Shilpi Sood
Shilpi...
*मैं हूं ना*
माता पिता से मिले संस्कार, आदर्श और मूल्य के बीज जो बचपन में रोपित किए जाते हैं, उनका जीवन में उजागर होना और उन सबको आगे ले कर चलना....संतान का कर्तव्य है। ये माता पिता का ऋण है हम पर...जिसे चुकाने का दायित्व है हमारा।
आप ने बहुत कुछ कहा अपने पिता जी को पत्र में, स्वाभाविक है आंखें छलकी होंगी, भावनाओं का ज्वार भी उमड़ा होगा। उनके मूल्यों से सिंचित हो कर आप अपने चिकित्सा में अवश्य कुछ स्नेह गूंथती होंगी जिसका मुझे पूर्ण विश्वास है।
मैं एक बहुत साधारण सा *उसका* माध्यम हूं, * वो* जिसे कुछ देना चाहते मुझे ये सौभाग्य देते हैं कि में कुछ कर सकूं।
* मैं हूं ना* ये साधारण वाक्य नहीं है, आस्था विश्वास का संबल है, कभी कभी तो डूबते कोटिंके का सहारा वाली कहावत्पे खरा उतरता है
मैं तमाशाई नहीं हूं साहिल का,

Dedicating a #testimonial to Shilpi Sood Shilpi... *मैं हूं ना* माता पिता से मिले संस्कार, आदर्श और मूल्य के बीज जो बचपन में रोपित किए जाते हैं, उनका जीवन में उजागर होना और उन सबको आगे ले कर चलना....संतान का कर्तव्य है। ये माता पिता का ऋण है हम पर...जिसे चुकाने का दायित्व है हमारा। आप ने बहुत कुछ कहा अपने पिता जी को पत्र में, स्वाभाविक है आंखें छलकी होंगी, भावनाओं का ज्वार भी उमड़ा होगा। उनके मूल्यों से सिंचित हो कर आप अपने चिकित्सा में अवश्य कुछ स्नेह गूंथती होंगी जिसका मुझे पूर्ण विश्वास है। मैं एक बहुत साधारण सा *उसका* माध्यम हूं, * वो* जिसे कुछ देना चाहते मुझे ये सौभाग्य देते हैं कि में कुछ कर सकूं। * मैं हूं ना* ये साधारण वाक्य नहीं है, आस्था विश्वास का संबल है, कभी कभी तो डूबते कोटिंके का सहारा वाली कहावत्पे खरा उतरता है मैं तमाशाई नहीं हूं साहिल का, #yqdidi #yqquotes #yqtestimonial #yqकुलभूषणदीप